Ishq ke Khuni Khel - 1 in Hindi Thriller by Anunjay Chouhan books and stories PDF | इश्क़ के खूनी खेल - 1

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इश्क़ के खूनी खेल - 1

अध्याय 1 - वो पहली मुलाकात

मुंबई की भीड़भाड़ वाली सड़कों पर जब प्रिया का सामना राहुल से हुआ, तो लगा जैसे पूरी दुनिया रुक गई हो। उसकी काली आँखों में छुपे तूफान को देखकर प्रिया का दिल धड़कने लगा था।

“माफ करिए,” राहुल ने कहा था जब उसका कंधा प्रिया से टकराया था। लेकिन उसकी आवाज़ में जो जादू था, वो प्रिया के कानों में शहद की तरह घुल गया।

प्रिया एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार की लड़की थी। पिता एक छोटे से ऑफिस में क्लर्क थे और माँ घर का काम करती थी। उसके सपने बड़े थे लेकिन हकीकत की दीवारें उन्हें कुचल देती थीं। पर आज, राहुल को देखकर लगा जैसे उसकी जिंदगी में एक नया सवेरा आ गया हो।

राहुल अमीर घराने का लड़का था। उसके पिता शहर के बड़े बिजनेसमैन थे। महंगी गाड़ियाँ, बंगला, नौकर-चाकर - सब कुछ था उसके पास। लेकिन प्रिया की सादगी में उसे वो चीज़ दिखी जो उसे अपनी अमीर दुनिया में कभी नहीं मिली थी - सच्चाई।

“आप यहाँ रोज़ आती हैं?” राहुल ने पूछा। उसकी आवाज़ में एक अजीब सा नशा था।

प्रिया का मुंह सूख गया। “हाँ… मैं यहाँ पास के कॉलेज में पढ़ती हूँ।”

“कॉलेज? किस साल में?”

“फाइनल ईयर…”

राहुल मुस्कराया। उसकी मुस्कान में शैतानी थी, लेकिन प्रिया को लगा जैसे उसका दिल पिघल गया हो।

उस दिन के बाद से राहुल रोज़ उसी जगह मिलने लगा। कभी कॉफी पीने, कभी बस बातें करने। प्रिया के दिल में प्रेम की आग धीरे-धीरे भड़कने लगी।

लेकिन क्या प्रिया जानती थी कि राहुल के मन में क्या चल रहा है? क्या वो जानती थी कि राहुल की नज़रों में सिर्फ उसका जिस्म दिखता है, उसका प्रेम नहीं?

एक शाम, बारिश के मौसम में, जब प्रिया बस स्टॉप पर राहुल का इंतज़ार कर रही थी, तो राहुल अपनी स्पोर्ट्स कार लेकर आया।

“चलो, मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूँ,” उसने कहा।

प्रिया हिचकिचाई। “नहीं राहुल, अगर घर वालों ने देख लिया तो…”

“अरे यार, बारिश हो रही है। भीग जाओगी।” राहुल की आवाज़ में एक अजीब सी मिठास थी।

प्रिया का दिल कह रहा था मना कर दे, लेकिन राहुल की आँखों में जो चुंबक था, वो उसे अपनी तरफ खींच रहा था।

“ठीक है,” उसने कहा और कार में बैठ गई।

लेकिन राहुल ने कार का रुख उसके घर की तरफ नहीं, बल्कि शहर से बाहर की तरफ किया।

“राहुल, ये रास्ता तो घर का नहीं है…” प्रिया ने घबराहट से कहा।

राहुल ने शैतानी से मुस्कराते हुए कहा, “पहले एक जगह चलते हैं प्रिया। तुम्हें कुछ दिखाना है।”

प्रिया के दिल की धड़कन तेज़ हो गई। उसे लगा जैसे कुछ तो गलत हो रहा है। लेकिन राहुल के प्रेम में अंधी हो चुकी प्रिया कुछ कह नहीं सकी।

कार एक वीरान जगह पर रुकी। चारों तरफ अंधेरा था। सिर्फ कार की हेडलाइट्स की रोशनी थी।

“राहुल, ये कहाँ ले आए हो मुझे?” प्रिया की आवाज़ में डर साफ सुनाई दे रहा था।

राहुल ने उसकी तरफ देखा। उसकी आँखों में अब प्रेम नहीं, बल्कि हवस की आग जल रही थी।

“प्रिया…” उसने धीरे से कहा, “आज तक तुमने मुझे कितना तड़पाया है पता है?”

अब क्या होगा प्रिया के साथ? क्या राहुल सच में उससे प्रेम करता है या फिर वो सिर्फ उसका इस्तेमाल करना चाहता है? क्या प्रिया इस खतरनाक खेल से बच पाएगी?इस कहानी में आगे छुपे हैं ऐसे राज़ जो आपकी रूह को हिला देंगे…